"If the doors of perception were cleansed, everything would appear as it is - infinite" - William Blake

Thursday, July 19, 2007

A warm mushy moment and the quench for rain: A dialogue

मैं - मैने खिड़की से हाथ बढ़ा कर
बारिश की कुछ बूंदें चुराई हैं
तुम्हे e-mail कर दूंगा


तुम - तो मन की चादर में लपेटो उसे
कहीं उसे ठंड ना लग जाये
scan करके e-mail करना
ताकि उसकी ठंडक भी मिले मुझे हल्की सी ही सही


मैं - मेरे होंठों पे मुस्कुराहट बन कर खिल चुकी है
गर्माहट मिल रही होगी उसे


तुम - उसकी खुशबू भी भेजना
जो तुम्हारी हाथों की खुशबू से मिलकर आई हो मेरे पास


मैं - खुशबू कैद नही होती
कोशिश भी नहीं करनी चाहिये
मेरी साँसों में घुल चुकी है


तुम - तो ठीक है, खुशबू नही,
तुम्हारे हाथों की नमी ही सही
जो इस बूंद में घुली होगी


मैं - अगर हाथों की आँच से ये सपना जल गया तो?


तुम - सपना? मैने सोचा पानी की एक बूंद भेज रहे हो
जिसमे एक लम्हा सिमटा सा, शर्माया सा, घबराया सा बैठा है


मैं - सपना ही तो था हकीकत होता तो बात ही क्या थी
एक सपने को इतनी देर से जी रहे थे
नाराज़ तो नही हो, कि जगा दिया?


तुम - मुझे पता होता कि तुम एक सपना बाँटोगे मेरे साथ
तो उसके लिये अपने दिल के तारों को बिछा देती ताकि,
सपने की नज़ाकत को कोई आँच ना आये


कुछ सपने हकीकत से अच्छे होते हैं क्योंकि उनके टूटने पर ग़म नही होता
जब तक आँखो की मुलायम गद्दी पर सोए रहते हैं

होंठों पर मुस्कान तो खिली होती है
और उठने के बाद भी मुस्कान ही बिखेरते हैं दिल-ओ-दिमाग पर


मैं - सपने बिना बताए आते हैं
राह देखो तो इंतज़ार करवाते हैं
सपने टूटने से बचाना हो तो उन्हे जल्दी से हकीकत बना देना चाहिये

Bheega Lamha

मन क्यों भीगने से डरता है?
एक लम्हे से ज़्यादा क्या है जो भीग सकता है?
एक मन है जो प्यासा है,

शायद लम्हो का गुलाम नही है
जानता है कि लम्हा कैद किया जा सकता है
पर ये बात वो अभी से उस लम्हे को बताकर डराना नही चाहता
इसलिये वो लम्हे को भीगते हुए देखता है

उसे पता है कि भीगने के बाद ये लम्हा शिथिल हो जायेगा
शायद आसानी से काबू में किया जा सके
लेकिन भीगने के बाद जब वो गीला लम्हा ठिठुरता है

तो मन की चादर में ही उसे गर्माहट मिलती है
तब वो लम्हा नही होता

यादों की सदी में बारिश की एक बूंद बनकरसिमट जाता है
और जब भी मन भीगने को तडपता है

तो वो लम्हा जो कभी गीला था
मन के होंठो पे एक हल्की सी मुस्कान एक हल्की सी गर्मी लाता है




In the book of love

The first look, the first touch, the first time we made love … all those memories and more fill the space between us … the miles and the hours, the years and oceans and all the big sky that I flew through as I returned home … and a desire grows in me that I had thought had left my bones years ago… as we spoke that night in your bedroom… I am trying to regain the music of my heart that once filled me with desire and moved me to make images … and in you some of that music has returned to me … and I dream of you day and night … moments stolen here and there from the workaday world … and always, always is the memory of your skin … dark and smooth … and your smell … and your eyes…and what still lies buried in your soul ... all of them a force that gives life meaning … and I am happy … in the book of my love you are the last best chapter